नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के बाद 3 साल की मासूम बच्ची को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया।बच्ची के परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान बच्ची को टांके नहीं लगाए गए और अस्पताल से बाहर निकाल दिया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने डॉक्टर को बुलाकर अस्पताल के गेट पर ही बच्ची के पेट में टांका लगवाया व शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग ने प्रयागराज के डीएम को खत लिखकर उचित कार्रवाई के लिए कहा है। आयोग ने लिखा, डीएम इस मामले की सख्ती से जांच करें और उचित धाराओं में केस दर्ज हो।
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डॉक्टरों की लापरवाही-
करेली के करेंहदा निवासी मुकेश मिश्र की 3 साल की बेटी खुशी को पेट में दर्द था। खुशी को 15 फरवरी को पिपरी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने आंत में इनफेक्शन बताया। दो दिन बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया। पिता का आरोप है कि डॉक्टरों ने बच्ची का ऑपरेशन ठीक से नहीं किया। 5 दिन बाद खुशी को आराम नहीं मिला तो डॉक्टरों ने दोबारा ऑपरेशन किया। पिता मुकेश का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने टांके नहीं लगाए। जिसके बाद अस्पताल के गेट पर बच्ची ने पिता की गोद में तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।

पिता की गोद में तोड़ा दम-
पिता मुकेश मिश्रा ने बताया, जब ऑपरेशन के बाद खुशी की हालत में सुधार नहीं हुआ तो वह उसे लेकर शुक्रवार सुबह एक बार फिर उसी अस्पताल गए, जहां खुशी का ऑपरेशन हुआ था। वहां गेट पर ही उन्हें रोक दिया गया। वह गोद में खुशी को लेकर करीब 2 घंटे तक इधर से उधर भटकते रहे, लेकिन गार्ड ने उन्हें भीतर नहीं जाने दिया। इस बीच दर्द से तड़प रही खुशी ने अस्पताल के गेट पर पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया। मासूम की मौत से नाराज परिजनों ने हंगामा किया। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर वहां कई थानों की फोर्स पहुंच गई।