नई दिल्ली: भाजपा ने प्रदेश भर में तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की जिद पर अड़े लोगों को समझाने के लिए किसान-संवाद कार्यक्रमों की पहल की है। दक्षिण हरियाणा के नारनौल में जिसका पहला आयोजन हो चुका है। जबकि दूसरा आयोजन रविवार को उत्तर हरियाणा के कैमला में आयोजित किया जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हेलीकाप्टर के लैंड होने से पहले ही वहां हुड़दंग मच गया।

मुख्यमंत्री ने कृषि कानून पर रखा अपना पक्ष-
इसके बाद चंडीगढ़ पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। करनाल के कैमला गांव में किसान-संवाद कार्यक्रम के दौरान हुए उपद्रव की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उपद्रव और हुड़दंग के लिए कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी और भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी सीधे तौर पर जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र की मर्यादा यही है कि हर कोई अपनी बात को कहे। हमें अपनी बात कहने से रोकने की कोशिश को स्वस्थ लोकतंत्र की हत्या से कम नहीं माना जा सकता है।

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इसके साथ-साथ खट्टर ने कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाते हुए कहा है कि कृषि कानून के विरोध में बैठे किसानों के समर्थन में आई कांग्रेस पार्टी को ये समझना चाहिए कि सड़क पर बैठने से लोकतंत्र को नहीं बचाया जा सकता, लोकतंत्र को बचाने के लिए विधानसभा और लोकसभा में चर्चा का तरिका अपनाया जा सकता है।
राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त करके ही रहूंगा-
आपको बता दें कि मनोहर लाल खट्टर पंचकूला के सेक्टर 16 स्थित अग्रवाल भवन पहुंचे थे। उनका ये दौरा नगर निगम चुनाव में भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार कुलभूषण गोयल और पार्षद पद के उम्मीदवारों के लिए प्रचार के लिए हुआ था। इस दौरान उन्होने कहा है कि मैंने राज्य से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने का संकल्प लिया है और उसे मिटा कर ही रहूंगा। पंचकूला हरियाणा की आधी राजधानी है और नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत के बाद इसी लक्ष्य को लेकर हम यहां का विकास करेंगे। राज्य के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। स्पीकर को पूरी छूट है योजना बनाने की। उन्होंने कहा कि पंचकूला अच्छा शहर बने, इसलिए भाजपा को निगम चुनाव वोट देकर विजयी बनाएं।
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राजपथ कार्यक्रम किसी पार्टी विशेष का नहीं देश का-
मुख्यमंत्री ने 15 जनवरी के कांग्रेस के राजभवन घेराव के कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर किसी पार्टी का नहीं बल्कि देश का कार्यक्रम होता है। यदि इसमें भी कुछ लोग खलल डालने की कोशिश करेंगे तो स्वाभाविक है कि वह अपने राष्ट्र से प्यार नहीं करते। साथ ही मनोहर लाल ने कहा कि बार्डर पर हम तमाम सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। यदि हम किसानों के हित की बात नहीं करते तो उन्हें हटा देते, लेकिन हमने उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार दिया, मगर जब हम अपनी बात कहना चाह रहे हैं तो इन लोगों को तकलीफ हो रही है