नई दिल्ली: किसान के कृषि कानून के मसले पर केंद्र कि मोदी सरकार लगातार घिरी हुई है। दिल्ली की सीमाओं पर 50 दिनों से हजारों किसानों का प्रदर्शन लगातार चल रहा है और इस दौरान कांग्रेस भी एक बार फिर सड़कों पर उतरने जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दिल्ली की सड़कों पर उतरकर किसान आंदोलन का समर्थन करने की योजनी बना ली है।
‘सबसे बड़ा अखाड़ा’ सपा के सांसद ने दिया विवादित बयान, मंदिर निर्माण से पहले मचा घमासान।

मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सत्याग्रह-
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में जनता से किसान आंदोलन से जुड़ने की अपील की है। उन्होने लिखा कि देश के अन्नदाता अपने अधिकार के लिए अहंकारी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सत्याग्रह कर रहे हैं। पूरा भारत आज किसानों पर अत्याचार व पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के विरुद्ध आवाज़ बुलंद कर रहा है।

अभियान से जुड़ने की अपील कर रहे राहुल-
रक्षा मामलों पर संसदीय समिति की बैठक से कांग्रेस का वॉकआउट, राहुल गांधी: समय बर्बाद किया
वहीं कांग्रेस आज किसान अधिकार दिवस मना रही है, जिसके तहत देशभर में प्रदर्शन किया जा रहा है। कांग्रेस का प्लान है कि देश के सभी जिला हेडक्वार्टर में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया जाए और फिर ज्ञापन सौंपा जाए। आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी पूर्व में भी ऐसा ही प्रदर्शन कर चुकी है, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से इसका ऐलान किया गया था। वहीं सोशल मीडिया पर भी एक कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसके तहत लोगों के किसान आंदोलन, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के मसले पर अपनी बात कहने की अपील की जा रही है। साथ ही राहुल गांधी ने भी लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की है।

गठबंधन में सीटें कम न हों इसलिए तमिलनाडु गए थे राहुल गांधी
तीनों किसान कानूनों का फायदा सिर्फ अमीरों को-
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरकार को इस मसले पर लंबे वक्त से घेर हुए हैं। राहुल ने तीनों कानूनों को किसानों के लिए अहितकारी बताया है, साथ ही इसे अमीर कारोबारियों के हक वाला करार दिया है। ऐसे में राहुल गांधी ने केंद्र का घेराव करते हुए कहा है कि उसकी जिद के कारण कई किसानों की मौत हो चुकी है, ऐसे में अब कानूनों को वापस लेना चाहिए।