नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने तिहाड़ जेल से एक कॉल इंटरसेप्ट किया। जिसमें कैदी ने अपने परिवार से खाने-पीने या नशे का सामानकी जगह पारा मंगवाया। जिसे हम तापमान नापने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पुलिसवालों ने इंटरनेट पर थोड़ी खोजबीन की. इसके बाद एक टीम खासतौर पर लगाई गई जो पारे की इस साजिश का पर्दाफाश करने में कामयाब रही। पता चला कि जेल के भीतर से दो आतंकियों ने एक बड़ी साजिश रची थी। उनके टारगेट पर थे तिहाड़ में ही कैद दिल्ली दंगों के दो आरोपी।

हत्या करने की साजिश-
पुलिस ने वो कॉल करने वाले ‘शाहिद’ और उसे रिसीव करने वाले ‘असलम’ पर निगरानी बढ़ाई। शाहिद कोई आम कैदी नहीं। वह गैंगरेप और मर्डर के आरोप में जेल में बंद था। 2015 में उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक महिला का गैंगरेप किया और फिर उसे बेरहमी से मार दिया। बता दें की असलम ने दवा की दुकानों से करीब 100 थर्मामीटर खरीदे। थर्मामीटर तोड़े और ड्रॉपर से पारा निकालकर इत्र की एक शीशी में भरा। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को उसने बताया कि शाहिद ने उससे ऐसा करने को कहा था। इस पारे का इस्तेमाल में जेल में किसी की हत्या करने के लिए होना था।
गौर बिल्डर पर 10 लाख का जुर्माना, सोसायटी में लगाई थी प्लास्टिक की घास
IS विचारधारा से प्रभावित-
पूछताछ में शाहिद ने कथित तौर पर बताया कि वह अजीमुशान और अब्दुस सामी नाम के दो लोगों के संपर्क में आया था। ये दोनों इस्लामिक स्टेट के ऑपरेटिव्स हैं। इन दोनों ने शाहिद को भड़काया कि वे उन दो लोगों को मार दे जिन्होंने कथित तौर पर पिछले साल दंगों के दौरान एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त किया और उसके समुदाय के कुछ लोगों की जान ली। शाहिद ने कहा कि उसे IS की विचारधारा के बारे में जो बताया गया, उससे वो बड़ा प्रभावित हुआ।
कासगंज में लोगों से रूपये उधार लेकर रची खुद के अपहरण की साजिश, पुलिस ने किया गिरफ्तार
अमरोहा टेरर मॉड्यूल-
आपको बता दें की पुलिस सामी और अजीमुशान से पूछताछ कर रही है। तीनों जेल नंबर 3 में मिले थे जहां पर पूरी साजिश का खाका खींचा गया। अजीमुशान के साथ आईएस मॉड्यूल में कोई यूनानी डॉक्टर था जिसने उसे पारा कैसे जहर का काम करता है, ये समझाया था। अजीमुशान और सामी दोनों अमरोहा टेरर मॉड्यूल से आते हैं। कई कैदियों से पूछताछ में पता चला कि ये दोनों आतंकी कौम पर अत्याचार हुआ है, ऐसा कहकर कैदियों को कट्टर बनाने की कोशिश कर रहे थे